के नाम पर घर से निकला था, अब मधुरिमा के बिना ही लौट चला। के नाम पर घर से निकला था, अब मधुरिमा के बिना ही लौट चला।
पूरी तरह बेखबर थी कि उसका आने वाला कल कैसा है ? अपने आज में पूरी तरह डूबी हुई। पूरी तरह बेखबर थी कि उसका आने वाला कल कैसा है ? अपने आज में पूरी तरह डूबी हुई।
छोटे नवाब, बड़े नवाब छोटे नवाब, बड़े नवाब
पर पता नहीं था उसके मन की विद्रोह कब ख़तम होगा ?पर पता नहीं था उसके मन की विद्रोह कब ख़ पर पता नहीं था उसके मन की विद्रोह कब ख़तम होगा ?पर पता नहीं था उसके मन की विद्रो...
इन तमाम चीज़ों से खुद भी बचना चाहिए और ओरों को भी बचाना चाहिए इन तमाम चीज़ों से खुद भी बचना चाहिए और ओरों को भी बचाना चाहिए
सुरभि और सुमित ने हाथ जोड़कर सबसे अपनी गलत सोच के लिए माफी मांगी। सुरभि और सुमित ने हाथ जोड़कर सबसे अपनी गलत सोच के लिए माफी मांगी।